क्या है सीएए कानून पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के प्रवासियों के लिए यह नियम है सीएए से तीन देशों के छह गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता मिल सकती है हिंदू मुस्लिम हिंदू सिख और ईसाई हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी ईसाई के लिए यह सीएए कानून जो है वह मददगार हो सकता है इससे जो
देश के मुसलमान है वो जरूर नाराज हैं लेकिन बार-बार सरकार की तरफ से ये सफाई दी गई है 31 दिसंबर 20144 से पहले ले आए प्रवासियों के लिए यह नियम लागू होंगे तो अब अधिसूचना सरकार जारी करने जा रही है जल्दी से रविंद्र का मैं रुख कर लेती
हूं रविंद्र देखिए चाहे विपक्षी दलों के द्वारा कितना भी इसको यह कहा जाए कि गलत बयानी जैसा कि सरकार ने कहा कि विपक्ष गलत बयानी कर रहा है लेकिन कुल मिलाकर अधिसूचना अगर जारी होती है तो बीजेपी को आपको लग रहा है कि चाहे वह आसाम हो चाहे
वह पश्चिम बंगाल हो यहां पर एक हिंदू वोट कंसोलिडेट होकर या यह कहिए कि अगर ईसाइयों की की बात हो रही है सिखों की बात हो रही है पारसियों की बात हो रही है तो वो वोट कंसोलिडेट होकर बीजेपी के खाते में जाएगा बीजेपी को ऐसा लगता
है अ शोभना दो राज्य है कम से कम आप कह सकती हैं सियासी तौर पर बीजेपी को इससे फायदा हो सकता है उन अगर देखा जाए तो सीएए को लेकर अगर बंगाल में एक मुस्त हिंदू वोट बैंक बीजेपी के पाले में आ सकता है हालांकि कास्ट और रीजन वहां पर बहुत है
लेकिन बीजेपी को लगता है कि बंगाल में इसका फायदा होगा दूसरा ईसाई जो है शब्द यह भले कल काफी कम संख्या में होंगे तीनों देशों से आए होंगे लेकिन केरल में बीजेपी ईसाई समुदाय से काफी करीबी पिछले 2 साल से बनाने की कोशिश की है ऐसे में एक कहीं ना
कहीं वहां पर पोस्टरिंग होगा कि ईसाई समुदाय के साथ बीजेपी खड़ी है केरल केरल और गोवा दो ऐसे राज्य हैं जहां पर बीजेपी यह कह सकती है चुनाव प्रचार के द दरमियान कि जो तीन राज्यों तीन देशों से अल्पसंख्यकों में ईसाई समुदाय आया है उनको
भी हम भारत की नागरिकता दे रहे हैं बिना किसी भेदभाव के तो ऐसे में केरल में इसका फायदा होगा बंगाल में सियासी तौर पर फायदा हो सक का और गोवा में बिल्कुल ठीक है तो सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट जो है उस पर अधिसूचना अब सरकार के द्वारा आज रात तक जारी हो सकती
है टीएमसी प्रवक्ता स्वयं पुरोहित मेरे साथ फोन लाइन पर जुड़ रहे हैं स्वयं जी सरकार तो अधिसूचना लाने जा रही है उधर ममता बैनर्जी बार-बार यह हर मंच से कह रही है कि वह बंगाल में सीएए लागू नहीं होने देंगी लेकिन सदन से यह पारित है और अब अगर
अधिसूचना आ जाती है तो आप भी जानते हैं नहीं देखिए यह जो सीए का मुद्दा एनआरसी का मुद्दा है यह देश की जनता को गुमराह करने के लिए नरेंद्र मोदी की जो सरकार है ये जो अमित शाह नरेंद्र मोदी ये चुनाव आते इनको क्या हो जाता 2019 में इन्होंने लेके आया
था बंगाल की जनता जितनी भी है इन्होंने यहां विरोध किया पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए और इनको वापस लेना पड़ा अभी फिर चुनाव आप देखिए किस तरह से लोकतंत्र की संविधान की हत्या करने वाले ये लोग हैं आज लोकतंत्र के अंदर में जो इलेक्शन कमिशनर है उन्होंने इस्तीफा दे दिया है अब
नरेंद्र मोदी जी उस चेयर को हेड करेंगे और वो बोलेंगे कि हमें चुनाव में जाना है अब वो सीए लाए चाहे एनआरसी लाए मगर देश की जनता ने इन सब मुद्दों को नकार दिया है ये मुद्दे नहीं है मुद्दे देश के लिए है महंगाई बेरोजगारी ये मुद्दे होने चाहिए
चुनाव के अंदर में सीएए या हिंदू मुसलमान का मुद्दा कर कर के भारतीय जनता पार्टी अगर जनता के बीच में जाना चाहती है तो सबका साथ सबका विकास करने वाली ठीक बहुत बहुत धन्यवाद आपका आपने जी न्यूज से बात की न्यू